देश प्रेम

आज बस देशप्रेम चाहिए। जैसेप्रेम जरुरी है जीने के लिए,
उसी प्रकार देश प्रेम भी जरूरी है जीने के लिए।
आज देशसे प्रेम कोई नहीं करता, केवल धन से ही घर को है भरता. कभी सोचा है कि क्या होगा,? अगर देश से की गद्दारी,
तो क्या कोई ऐसा देश होगा?
जो गद्दार को रख ले?
जो नहीँ हुआ अपने देश का,
क्या वो दूसरे देश को भरोसेमंद लगेगा?
सब धन हो जाएगा जब्त?
क्या रह जाएगा तब?
तब कहां जाएँगै सब?
चीन हमारा दुश्मन है।भारतीय सीमाओं में सेंध लगाता है।
भारतीयों को मरवाने के लिए, पडोसी दुश्मन से हाथ मिलाता है।अगर नहीं खरीदोचायनीज सामान,
तो उसका बाजार ध्वस्त हो जाएगा, फिर
वो तुम्हारे घर कैसे मारने आएगा?
उसके पास सैनिकों को पालने को धन ही नहीं होगा।
वह बिना युद्ध ही जमींदोज हो जाएगा।
क्या कभी तुमने अपना भ-विष्य सोचा है?
ये वो दुश्मन देश हैं,
जो अपने नागरिक को भी एक से ज्यादा बच्चे पैदाकरने पर मौत व देश निकाला के फरमान जारी करते हैं, क्या वो किसी विदेशी को रख पाएंगे?
अब तो समझ जाओ,
हमसे देश नहीं, देश से हम हैं।

कृपया शेयर करें।

Leave a comment