**ग्लोबल वार्मिंग के कारण बड़े-बड़े बर्फ के पहाड़ की दुगनी तेजी से पिघल रहे हैं.
*ग्लोबल वार्मिंग वातावरण में होने वाले प्रदूषण का परिणाम है .
बर्फ के तेजी से पिघलने से कुछ क्षेत्रों में बाढ़ का प्रकोप है और कुछ क्षेत्र में य्रदूषण से गर्मी पड़ गई और सूखा पड़ गया और गंदगी होगी इसके कारण इसी कारण सब तरफ और तबाही सी है असामयिक मौतें हो रही हैं .
*इसमें प्लास्टिक का भी एक योगदान है बड़ा योगदान है .
*प्लास्टिक जमीन में एकत्र होकर भी जमीन में पानी नहीं रोक पाती है .
*इसका असर उर्वरक क्षमता पर पड़ता है और पेड़ पौधे भली प्रकार से विकसित नहीं हो पाते हैं .
*अगर होते भी हैं तो प्रदूषित से जिनको खाने से बीमारियां बढ़ती हैं.
* जमीन में पानी को रोकना अत्यंत आवश्यक है.
* पानी को केवल रुकने का उपाय:
*:केवल पानी को रोकने का उपायइसके लिए 1 मीटर का गड्ढा बोरिंग के चारों तरफ बनाया जाए उसमें कच्चे कोयले, के टुकड़े, कच्ची ईंट के टुकड़े ,बालू , बजरी आदि डालकर उसको भरा जाए और चारों तरफ से बहकर आने वाले बरसाती पानी की साफ सी निकासी काढाल उसी में हो जिससे बरसात में पानी इधर उधर ना बहकर उस में
एकत्र हो जाए .
*साबुन का भी कम से कम उपयोग किया जाए उस पानी को साफ कर की निकासी इधर ही कर दी जाए जमीन में पीपल आम शहतूत जामुन के बड़े-बड़े पेड़ लगाए जा जाएं जिससे बाकी पानी एकत्र हो सके
*आहारवेद