दूर देशों से आते बादल.
ठहरते रूकते और. नीचे झांकते बादल
, कोई पेड़ नहीं दिखता हाथ हि लाकर स्वागत करता,
न ही पहाड़ नजर आते
,जोर शोर से आते बादलहल्ला खूब मचाते बादल।
सोचते ही समय निकल जाता और वायु भी आकर कहतीबादल है,
चलो क्यों रुक गये सब बादल,
भर भर पानी लाते बादल, कोई नहीं भेजा स्वागत में,
वहाँ देखो मैं भी वहीं जा रही हूं, और अपने साथ उडा ले जातीबादल, दूर बहुत दूर ले जाती बादल
क्या कभी इंसान ने सोचा, किससे अठखेलियाँ करेंगे
बादल
रीना कहे, बुंदेलखंड प्यासा ही रह जाता, फेरी रोज लगाते बादल।
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