टिप टिप नहीं बरसा पानी, आकाश में नजरें गडाए. बुंदेलखंड मे सूखा पडा है,
भूजल स्तर गिरता जाए,
भू खनन के कारण
पहाड़, बादल न रोक पाएं।
पहले इतना बरसता था पानी
कि नाली नदी बन जाए।
मिट्टी को पॉलीथीन से पाटा,
कि बडे पेड़ भी न उगने पाए।
फिर कहें, सरकार है दोषी,
बुंदेलखंड में कुछ न कराए।
पॉलीथीन खिलाते गायों को,
खाकर गाएँ भी मरती जाएं।
अपनी गलती न दिखे किसी को,
बस आंख बचाकर सडक पर, पॉलीथीन का ढेर लगाएं।
रीना करे लाख कोशिश
बिना सुधरे कैसे पानी ले
आएं।