जब भी चुनाव होता है, लगता है कान्हा आयेगा।
हरभारतीय
होगा अर्जुन और ह-थियार
उठाएगा।
कोई पुराण पढ लो, नहीँ कहीं कोई मुसलिम।
फिर क्यों सत्ता की खातिर,
देशद्रोह कर रहे सब,
हर कोई यहाँ बिभीषण है, बस दौलत की ही चाहत है।
हरेकोई डाकू अंगुलीमाल यहाँ,
सबका है यही कहना,
करता हूं घर की खातिर।
कभी पूछा सबसे जाकर।
गाड़ी की लम्बी कतार, बीबी घूमे हाथ पकड़ नौकर के साथ।
मांबाप रहे वृद्धाश्रम में,
बालगोपाल आया के पास।
नहीं मिली उनको पहचान,
आया को मां बैठे मान।
कहीं दिखी अपनी परछाई,
किसके लिये जतन ये
सा रा है।
इसका थोडा सा भी कर दो,
तो यह भारत देश तुम्हारा है।
भारत की माटी में पल रहे,
भारत को ही कोस रहे।
एकबार तो जाउसको देखो क्या
तू उसका प्यारा है?
भारत का सैनिक बन,
यह
सम्मान करो हासिल,
भारत की माटी में खेलो,
भारत मां को प्यार करो।
नहीं शहादत होगी जब,
इजराइल जैसा होगा देश,
थरथरथर शत्रु कांपेगा,
नहीं मिलेगा जब कहीं प्रवेश।:(गाडियोंा की भरमार है,
घर पर नौकर मजे उडाये,
जब कहीं फंसने की बारी,
होतो मालिक पकडा जाए।ंफार्महाउस ढेरों हैं,
केयरटेकर किराए पे उठाए,
मालिक मन ही मन खुश होता,
नौकर एसी का लुत्फ उठाए।
कभी अचानक जाकर देखो,
कोई नहीं तुम्हारा है।
बसस पैसा सबको प्यारा है।