फारुख अबदुल्ला ने कहा किवो वतन के लिए पत्थर मार रहा है वो करेगा।वोकहकर लोगों को उकसा रहे हैं पर कभी किसी ने सोचा कि वो स्वयं, पत्थर क्यों नहीं मार रहे हैं,। क्योंकि इससे भीड़ मरेगी, वो मारेंगे तो मर भी तो सकते हैं। भाई भीड़ किसलिए होती है? हांका लगाने के लिए।उनका क्या उन्हें तो बस बातों का जाल फैलाना आता है.
कोई उन्हें कहेगा कि आप भी करो तो नहीं करेंगे।