भारत की मिट्टी का रंग गेरुआ है।
इससे देश भावना जागृत होती है। आपको जो कुछ करना है, देश के लिए।
देश है तभी आप सब हैं।ये हिन्दुस्तान है।
सिंधु नदी के किनारे
बसी सभ्यता का, सही उच्चारण न कर पाने के कारण,
सिंधु के बिगडे रूप को हिंदू कहते हैं।
योगी की दिल से है दुआ,
रंग दिया सबको गेरुआ।
वैसे भी किसी धर्म
के बिना बात करें ,
तो कोई बुरा नहीं है।
वातानुकूलित मशीन की जरुरत क्या है, ये शरीर की नमी खींच लेता है,
जिससे बिना क्रीम व आइ ड्रॉप््स कै बिना नहीं है।
भोजन ठंडा रखने वाला
यंत्र
इसमे ठंडे किये पदार्थ अपनै पोषक तत्व खो देते हैं।
ताजेफल व शाक फायदा करते हैँ।आप सबने देखा होगि कि जो लोग पृकृति के संपर्क में रहते हैँ वो कभी बीमार ही नहीं पडते हैं क्योंकि वो उन्हें अपने अनुकूल बना लेती है।
मेरे ब्लॉग फॉग व अन्य में देखें।
मां
योगी ने शायद इसीलिये ससबको गेरुआ रंगकर स्वस्थ रहने का संदेश दिया है।
tribal, friends of our an cesters