हैनी,
पैनीसुबह अंडे देतीं थीं।कॉकी, लॉकी सुबह बांग देते थे।
फ्रॉगी, जॉगी,
फॉक्सी, बॉक्सी,
डॉगी, अॉगी,
डकी, लकी,
पोनी, टोनी,
ऐसी, पैसी
सब अपने अपने घर के आंगन में धूप में पडे आराम कर रहे थे।
ठंड की गुनगुनी धूप थी।
सब अलसाए थे।
तभी अचानक डकी के सर पर कुछ गिरा।
वो हड़बड़ा कर बाहर
भागी
और लकी भी बिना पूछे उसके साथ भागने लगी। कॉकी लॉकीके घर केसामने से चीखती हुई निकलीं। डकी ने कहा,
गिरागिरा, <, क्या दूसरी ने कहा आसमान।
शोर मच गया।
सब भागरहे थे और
चीखपुकार मची थी।
ऐसे ही जब वो बनी, फनी के घर के सामने पहुंचे
तो उन्होने रोककर पूछा,
क्या हुआ?।
कॉकी लॉकी ने बताया,कि आसमान गिर रहा है।
उनसे पूछा तुम्हे कैसे मालूम?.
उन्होने कहा, हैनी पैनी।
हैनी पैनी ने कहा, ऐसी पैसी ने।
ऐसी पैसी ने कहा, -फॉक्सी बॉक्सी।
फॉक्सी ने कहा, पोनी टोनी ने बताया, आसमान गिर रहा है।
पोनी ने कहा, अॉगी ने कहा।
अ़गी ने बताया डकी लकी चीखती व भागती हुई, मेरे घर तक आईं।
आसमान गिर रहा है।
आ
समान गिर..
लकी ने कहा, मैं सो रही थी, अचानक डकी चीखती हुई भागती मेरे पास आई, वो ऊप र देखते हुए बोलीगिरा। मैंने समझा व पूछा, आसमान।
व घबरा गयी।
बस ह म दौड़ने लगे। डकी से बनी
ने पूछा,
तु म कहां सो
रहीं थीं।
डकी ने चलकर जगह
दिखाई।
वहाँ एक पका हुआ आम पड़ा था।
बनी ने उसे उठाकर उस पर
फेंकते हुए कहा,
ऐसे
आसमान गिरा था।
अब तो ठहाकों से जंगल गूँज उठा।
/b>