भूमि रापो अनलो वायु: खं मनोबुद्धिरेव च।
अहंकार इतीयं मे भिन्ना पृकृतिरष्टधा।।
भूमि, जल, अनल, वायु, आकाश, मन, बुद्धि, और
अहंकार ये आठ प्रकार से विभक्त मेरी अपरा पृकृतियां हैं।
अवतारों की ताकत को पृकृति कहते हैँ।
अध्याय 7(4)
भूमि रापो अनलो वायु: खं मनोबुद्धिरेव च।
अहंकार इतीयं मे भिन्ना पृकृतिरष्टधा।।
भूमि, जल, अनल, वायु, आकाश, मन, बुद्धि, और
अहंकार ये आठ प्रकार से विभक्त मेरी अपरा पृकृतियां हैं।
अवतारों की ताकत को पृकृति कहते हैँ।
अध्याय 7(4)