ये वही महादेव हैं, जिनके तीसरी आंख खोलने भर से प्रलय आ जाती है
- पार्वतीजी को बिना
बुलाए जाने पर अपमानित होने पर तांडव मचा कर प्रलय ला दी थी।
- ये वही भोलेनाथ हैँ
- जो भक्त की पुकार हाल सुन लेतेहैं।
- ये वही त्रिशूल धारीहैं,
जिन्होने क्षय रोग से पीडित चंद्रमा को अपने सर पर धारण कर जीवन दिया।
- ये वही हैँ जिनके आंसू से
जलंधर राक्षस बना।
- ये वही हैं जिनसे ब्रम्हा ने अपनी स्त्री के साथ सृष्टि रचने को कहा। तो उन्होंने अपनी इतनी रूद्र प्रतियां बना दीं का सारा ब्रम्हांड दग्ध होने लगा।
- तब ब्रम्हा जी ने कहा, बस करो और तप करो, जिससे सब अमन हो।
- तब ब्रम्हा ने बहुत विचारकर मनु शतरूपा की रचना की।
- ये वही हैं जिन्होने महाकाली जी के कोप को शांत किया।
- शत्रुओं का संहार करने वाले रुद्र यही हैं।
- संसार के वैद्य वैद्यनाथ भी यही हैं।ब्रह्मा के साथ
- लिंग द्वारा सृष्टि का सृजन. करने प्रथम स्त्री पुरुष भी यही शिव गौरी यही हैं।
- महान ईश्वर, महेश्वर भी यही हैं।
- विष्णु बनकर सृजन करने वाले भी यही हैं।
- ब्रह्मा भी यही हैँ।
- हर युग में ये ब्रह्मा या विष्णु में से कोई सृष्टि का सृजन शुरू करता है।
चलो अब खास बात, शादी के बाद मां गौरी(रंग) के साथ काशी नगरी(वाराणसी ) में 10000 साल तक भ्रमण किया।
सृष्टि निर्माण शुरु हो चुका था।- अचानक फिर, स्वर्ग पर आक्रमण हो गया।
देवता फिर दौड लगाने लगे।इसी दौरान कार्तिकेय का जन्म हुआ.
इनका नाम शैलपुत्री भी है।
- इसलिये ये छुटपुट देवताओं को पसंद नहीं करतीं हैं।
- इन्होंने अपना समय बना रखा है।
चैत्र माह में, जब भारतीय कैलैंडर के हिसाब से नववर्ष शुरु होता है।
- ये फाल्गुन माह है।
- इस समय फसल पककर तैयार होती है व खेत में अलाव जलाकर जानवरों को दूर रखते हैं।
कहा जाता है, राक्षस हिरण्यकश्यपु का बेटा प्रहलाद विष्णु भक्त था।- राक्षस कहता था मैं भगवान् हूँ मेरी पूजा करो।
उसने अपनी बहन होलिका (अकेले आग स्नान का वरदान प्राप्त था) के साथ प्रहलाद को आग में बैठा दिया।- वो अकेले रोज आग में स्नान करती थी।
- प्रहलाद विष्णु को पुकारता रहा व बच गया।
- हराय(कष्टों को हरने वाले )भी यही हैं।
- महादेव( सब कुछ व सारा दैदे), देने वाले
- हर हर महादेव