सन2011, 27जु, बरसाती ठंड के दिन थे।घर में बहुत चूहे हो गये थे, सारे कपड़े काट देते थे।घर में तय हुआ, चूहा मार दवाई डाली गयी।मेरे पापा के कमरे में बक्से के पीछे एक चूहा मर गया।पापा ने रात में 2 बजे बताया, कहीं चूहा मर गया है, बदबू आ रही है व सांस लेने में परेशानी हो रही है। सबने देखा, डॉ को फोन किया पर, सुबह5 बजे आखरी सांस ली व दुनियां छोड दी। ये अत्यंत दुखद है कि, पर होनी को कौन टाल सकता है?
बक्से के पीछे मरा चूहा भी निकला।ये ठंड का पॉल्यूशन ही तो है, जिसने मेरे पापा को