कुछ भी जरूरत पर बच्चा चिल्ला कर आवाज लगाता है,
मां
मम्मी भूख लगे तो,
प्यास लगे तो या कोई भी अन्य —बस पृथ्वी फौरन विभिन्न रूपों में दौड़कर आती है।जैसे अब बसंत बनकर–
व विद्या की देवी सरस्वती के रूप में भी।
जिससे सबको ये ज्ञान रहे कि विद्या जीवन का एक अनिवार्य अंग है।
बिना ज्ञान के न हमबोल सकते हैं न ही कोई कार्य कर सकते हैं। धरती माने पृकृति।
इसे ही वेद पुराण में भगवान की शक्ति कहा गया है।
इसीलिये
धरती को माता का दियावगया है कि ठंड में सूर्य न निकलने सेसब कांप जाते हैं व बाहर नहीं निकलना पसंद करते हैँ और धरती मां सबको अपने आंचल में समेट लेती है व सर्द हवाओं से व आंधी पानी से बचाती है विद्यालय में जानवरों के घर बताए जाते हैं पर वास्तव में क्या हर प्राणी घर बना पाता है?
ठंड मैं तरह तरह के फल व सब्जी व फिर बसंत। बहार आई, तब अपने बच्चों के लिए भूमि
सभी प्रकार से पुष्प श्रंगार करती है और सभी तरफ फूल ही फूल बिखेर देती है। सब बच्चे जो भी जानवर या इंसान, उसकी गोद में छुपे थे, खुशियों से भरे बाहर आ जाते हैं,ये मेरे बसंत या अन्य ब्लॉग में दिखाए गये हैं।