राम नाम की महिमा तुलसीदास बनकर हीसमझा जा सकता है। इसके लेए रामायण को समझना होगा।
1-कौशल्या नै प्रभु को वैसेहीअपना बेटा बनने को कहा, जैसे ससब होते हैं वो खडे थै। , भये प्रकट कृपाला, दीन दयाला कौशल्या—-
2-गुरूकुल पढने(संसार को समझने)
3-राजतिलक (चाहे कोई कुछ कहे सगी ही सगी होती है)
4-दशरथ जैसे खुश होकर मुंहमांगा इनाम नहीँ देना।
5-सीता का धरती से प्रकटहोना व धरती में ही समाना(राम की गलती नही है)
6-राम का वनवास जाना(अपने भाई लक्ष्मण के साथ)()किसी )
7-सीताजी का मृगतृष्णा(सोने का मृग)में
8-लक्ष्मण का बाहर निकलने को मना करके जाना
9-रावण का भेष बदलना(किसी को भिक्षा न देना व अनजान के
दरवाजा न खोलें।
10-एक से ज्यादा शादियों में यही होता है।
11-फल,कंद मूल खाकर भी ताकत बनाए रखना,जो मिले
12-शहरों को नदी के किनारे पर बसाना।
SANGHATSH23