कृष्ण जन्माष्टमी #146:-):

पैदा होते ही शिव रात्री व जन्माष्टमी का ब्रत, केवल यही आस्था,

  • अदम्य ताकत का प-रिचायक, बुद्धि के साथ असीमित साहस का प्रयोग। 
  •  वो बालक जो हरेक का मददगार व दोस्त, अगर एकबार उसपर भरोसा कर, 
  •  चाहे आप भूल भी जाओ उसे, उसके रचे संसार में, पर वो न भूले।
  • वो जीवन भर ढाल बनकर आप व आपके बच्चों को दूसरों के  व बदमाशियों श्रापों से बचाता रहेगा।
  • और अगर आपको उसका ध्यान आ गया, तो क्या मजाल औरों की।
  •  बस यही भरोसा, 
  • उसकी वर्षगांठ की तैयारी, एक सप्ताह पहले से खिलौनों का अंबार, झांकी के लिए, जो उसने, अपनी मां को, माटी खाकर दिखाई थी। 
  • पूरे दिन मां का तरह तरह के व्यंजन बनाना व 
  • 12बजे तक भूखा रहकर फिर दूध केला,
  •  फिर शाम को फलाहारी व्यंजनों की दावत।
    पगी मेवा, सिंघाड़े के आटे की पूड़ी, आलू बंडे, मखाने, चिप्स, मूंग फली व और भी सब आइटम।
    फिर रात में बारह बजे,   ओम जय जगदीश हरे का गायन। 
  • डिब्बे व बर्तन बजा बजा पूर्ण जोशखरोश से  गानाबजाना।
  • सड़क, पहाड़, पटरी,घर, यमुना , यमुना किनारे कारागार में कृष्ण , नदी में कालिया दमन करते कृष्ण; शंकर के जटा सै निकलती
    गंगा, खेत, बाग, जंगल, जंगली डांसर का सैट, बैंड पार्टी, गांव के घरों के सैट, हैंठपंप,मोटर बोट ,मछलियाँ और न जाने क्या क्या? इतनी मेहनत व मन तो शायद हमने किसी और काम ले लगाया हो।
    ऐसा लगता था, कृष्ण आ रहे हैं। ,लकड़ी के बुरादे को काला लाल भूरा हरा व नीला रंगकर दो माह पहले से धूप में सुखाना,जंगली जानवरों का सैट,कानपुर के सबसे पहले गोलगोल बने संगीत टॉकीज का सैट, जे के मंदिर। कानपुर का शानदार ऐलैन फॉरैस्ट चिडिया घर , (जिससे आप पूरी जंगली सभ्यता का आनंद अनुभव करेंगे)रोडलाइट व चाट का ठेला का सैट।
    सब पूरे तन मन धन से।
    फिर झांकी सजाना व सबको दूर दूर से बुलाकर दिखाना।ए क हफ्ते बाद पूर्ण
    करना।
    आज हम बीच में भूले भी पर उसने याद रखा व आकर बताया कि मैं हूँ, मुझसे कहो।
    और बस सब ठीक।
    अब वही तो है जब —- वरना कौन पूछता है किसी को।
    आज उसीके कारण सब सामान्य है। अब हम निश्चिंत हैं क्योंकि वो हम व हमारे बच्चों के साथ है।नाम कृष्ण है मतलब जीवन की कालिमा हरने वाला।बदद्दुआऔं से बचाने वाला।

  • कोई भी इसके साथ व ताकत काएहसास कर सकते हैं, बसस एकबार कहने की देर है। 

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