कृष्ण :-

व्रत करते देखा, सबको बस तेरा साथ पकड़ लिया,
हर जन्माष्टमी का पूरे साल इंतज़ार करते,
झांकी सजाने के लिये ढूँढ ढूँढ कर खिलौने लाना,
पूरे मन से बस 1दिन आरती गाना।
रंग रंगके बुरादे बनाना,सजाना
सारीजिंदगी, ऐसे ही मस्ती करते रहे,
तब पता लगी कीमत तेरी,
जब लोगों की बददुआओं से, कृष्ण तुम ढाल बनकर,
मेरे बच्चों को बचाते रहे
आओ मेरे पासअब,
अच्छा व स्वस्थ सा जीवन हो मेरे बच्चों का व मेरा।
इतना बनाओ पावरफुल हम सबको कि अ ब
बुरा न हो कभी।
तब तोहम तुममें ध्यान लगा सकें।
ठीक उसी तरह जैसे जन्माष्टमी की तैयारी में… रीना-164

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